चुंबक किसे कहते है

चुंबक,चुंबक के गुण तथा चुंबक के प्रकार का वर्णन करो

हेल्लो दोस्तों आज हम बात करने वाले है हमारी WEBSITE itimantra.com  में चुंबक,चुंबक के गुण , चुंबक के प्रकार  तथा चुंबक किस प्रकार कार्य करती है  तो चलिए जानते है आज के इस लेख में चालक के बारे में

चुंबक

दो हजार साल पहले यूनान में एक गडरिये को पत्थर का टुकड़ा मिला जिसमे लोहे के पदार्थो को अपनी तरफ आकर्षित करने का गुण था उसका नाम मैग्नीश था उसी के नाम के आधार पर पत्थर के इस गुण को MAGNETISM या चुम्बकता कहा जाने लगा अब इस धातु को मैग्नेटाइट कहा जाता है एक ऐसा पीड या टुकड़ा जिसमे लोहे के छोटे-छोटे टुकड़े को आकर्षित करने एवं स्वत्रंता पूर्वक लटकाए जाने पर उत्तर-दक्षिण दिशा में टकर जाने का गुण विद्यमान हो उसे MAGNET या चुंबक कहा जाता है चुंबक के इस गुण को चुंबकत्व कहा जाता है क्योकि यह उत्तर-दक्षिण दिशा में ठहरता है पत्थर के इस गुण को लिडिग या लोड स्टोन कहा जाता है 

चुंबक के गुण-चुंबक के गुण निम्नलिखित गुण पाए जाते है 

1.यह सदा चुम्बकीय पदार्थो को अपनी तरफ आकर्षित करता है 

2.चुंबक के दो पोल होते है जिन्हें NORTH तथा SOUTH पोल कहा जाता है 

3.चुंबक के पोल कभी अलग नही किए जा सकते है 

4.चुंबक के सम्मान ध्रुव या पोल एक दूसरे को दूर धकेलते है तथा विपरीत पोल आकर्षित करते है 

5.चुंबक को स्वतंत्रतापूर्वक लटकाने पर उत्तर-दक्षिण में रुकता है 

6.चुंबक को गर्म करने तथा हथोड़े से चोट मारने पर उसकी शक्ति कम हो जाती है 

7.चुंबक के दोनों पोल अधिक शक्तिशाली होते है 

चुंबक के प्रकार- चुंबक के मुख्य दो प्रकार होते है 

1.प्राकृतिक चुंबक- ये चुंबक धरती में खनिज पदार्थो के रूप में मिलती है जिन्हें लीडिंग स्टोन कहा जाता है इनकी क्षमता कम होती है

 2.कृत्रिम चुंबक – इस चुंबक को विभिन्न विधियों द्वारा बनाया जाता है इनकी आवश्यकता के अनुसार क्षमता घटती या बढ़ायी जा सकती है बनावट के अनुसार ये दो प्रकार के होते है

1.स्थायी चुंबक- वे चुंबक जो अपनी शक्ति को लम्बे समय तक बनाए रखते है उन्हें स्थायी चुंबक कहा जाता है जैसे बार या छड चुंबक हार्स सू मैग्नेट,यू मैग्नेट,चुम्बकीय सुई इत्यादि स्थायी चुंबक हाई कार्बन स्टील टंगस्टन स्टील या कोबाल्ट स्टील इत्यादि से बनाए जाते है 

2.अस्थायी या विद्युतीय चुंबक- ये वे चुंबक है जो अपनी क्षमता उतने समय बनाए रखते है जितने समय तक इसको चुम्बकीय शक्ति दी जाए अर्थात जब तक किसी क्वायल में से करंट बहता रहेगा तो चुम्बकीय शक्ति बनी रहेगी तथा करंट बंद करने पर चुम्बकीय शक्ति खत्म हो जाएगी इनकी चुम्कीय शक्ति की मात्रा क्वायल में ट्रनो की संख्या तथा करंट की दर पर निर्भर करती है 

कीपर- यू या नाल चुंबक की शक्ति खत्म होने से बचाने के लिए कीपर का प्रयोग किया जाता है जोकि नर्म लोहे से बना होता है 

कृत्रिम चुंबक बनाने की विधियाँ – कृत्रिम चुंबक निम्नलिखित विधियों से बनाया जाता है 

1.स्पर्श विधि-इस विधि को आगे तीन भागों में बांटा गया 

A.एक स्पर्श विधि- इस विधि में जिस स्टील बार को चुंबक बनाना है उसे किसी चुंबक के एक पोल के साथ एक ही दिशा में इस प्रकार रगड़ते है कि दूसरा पोल दूर रहे यह क्रिया बार दोहराने पर स्टील की छड में चुम्बकीय गुण आ जाते है

B.दोहरी स्पर्श विधि- इस विधि में जिस छड को चुंबक बनाना होता है उसको चुंबक के दो विपरीत पोल के बीच रखते है और एक तीसरी छड चुंबक को स्टील के बीच इस प्रकार रखते है कि उनके बीच एक लकड़ी का टुकड़ा रखा हो फिर इन छड चुम्बको को एक सिरे से उठाते हुए स्टील पर रगड़ना आरम्भ करते है तो छड में चुम्कीय गुण आ जाएँगे 

C.विभाजित स्पर्श विधि- इस विधि में पहले की शांति स्टील की छड को चुंबक के विपरीत सिरों को विपरीत दिशा में रगड़ते है जिससे स्टील में चुम्कीय गुण आ जाएँगे  

2.विद्युत् धारा विधि- जो चुम्बक विद्युत् धारा का प्रयोग करके बनाए जाते है उन्हें विद्युत् चुंबक ELECTROMAGNET कहते है इस चुंबक की शक्ति विद्युत् धारा के बंद होने के साथ खत्म हो जाती है ये चुंबक बनाने के लिए किसी लोहे की छड पर तार को क्वायल के रूप में लपेट दिया जाता है तथा क्वायल के दोनों सिरों को विद्युत् सप्लाई देने पर छड में विद्युत् गुण आ जाते है 

3.प्रेरण विधि या इडेक्शन विधि- इस विधि का प्रयोग व्यापारिक स्तर पर स्थायी चुंबक बनाने के लिए प्रयोग किया जाता है इसके लिए पोल चार्जर नामक यंत्र का प्रयोग किया जाता है जोकि लोहे की कोर पर बहुत सारी इन्सुलेटीड क्वायल लपेटकर बनाया जाता है पोल चार्जर को डी.सी. सप्लाई दी जाती है जिस छड को चुंबक बनाना होता है उसे पोल चार्जर के ऊपर रख दिया जाता है और पोल चार्जर को सप्लाई देकर किसी भी आकार का स्थायी चुंबक  बनाया जा सकता है 

चुम्बकीय पदार्थो का वर्गीकरण- चुम्बकीय पदार्थो को तीन भागो में बांटा जाता है –

1.पूर्ण चुम्बकीय पदार्थ- वे पदार्थ जो किसी चुंबक की ओर तेजी से आकर्षित होते है या वे पदार्थ जिनकी PERMEABILITY एक से बहुत ज्यादा होती है उन्हें पूर्ण चुम्बकीय पदार्थ कहा जाता है जैसे लोहा,निकिल,कोबाल्ट आदि 

2.अर्द्ध चुम्बकीय पदार्थ- वे पदार्थ जो चुंबक की तरफ कम आकर्षित होते है या जिनकी PERMEABILITY एक से कुछ ज्यादा होती है उन्हें अर्द्ध चुम्बकीय पदार्थ कहते है जैसे एलुमिनियम,मैंगनीज,क्रोमियम आदि  

3.अचुम्बकीय पदार्थ– ऐसे पदार्थ जो चुंबक द्वारा आकर्षित नही होते या उनकी PERMEABILITY एक से कम होती है उन्हें अचुम्बकीय पदार्थ कहा जाता है जैसे लकड़ी,कागज,पारा,ग्लास इत्यादि 

परिभाषाएं-

मैग्नेटिक क्षेत्र या चुम्बकीय क्षेत्र- चुंबक के आस-पास का वह स्थान जहाँ इसका प्रभाव अनुभव किया जा सकता है या जिस क्षेत्र तक वह वस्तुओ को अपनी तरफ आकर्षित करती है या जहाँ तक चुम्बकीय बल रेखाओ का प्रभाव होता है उसे चुम्बकीय क्षेत्र कहते है 

चुम्बकीय पोल –चुंबक का वह बिंदु जहाँ से सबसे अधिक मात्रा में चुम्बकीय बल रेखाएं निकलती तथा समाप्त होती है उसे चुम्बकीय पोल कहा जाता है यह चुंबक का सबसे शक्तिशाली भाग होता हैं 

चुम्बकीय फ्लक्स- किसी चुम्बकीय क्षेत्र की कुल चुम्बकीय बल रेखाओ की मात्रा को चुम्बकीय फ्लक्स कहा जाता है इसका प्रतीकात्मक चिह्न फाइ है तथा इसकी इकाई वेबर है 

रिल्कटेन्स या प्रति सटम्ब- चुम्बकीय परिपथ में चुंबकिय फ्लक्स के रास्ते में आने वाली रुकावट को रिलस्टेन्स कहा जाता है इसका प्रतीकात्मक चिह्न S है इसका इकाई एम्पियर ट्रन\वेबर है 

चुम्बकीय परिपथ- जहाँ से चुम्बकीय फ्लक्स अपना रास्ता पूरा करता है उसे चुम्बकीय परिपथ कहा जाता है

चुम्बकत्व वाहक बल- चुम्बकत्व वाहक बल वह बल है जो चुम्बकीय क्षेत्र फ्लक्स को चलाता है इसकी इकाई Ampere Turn है अर्थात MMF क्वयलों की Turno तथा इसमें से वह रहे करंट के गुणनफल के समानुपाती होता है 

MMF=एम्पियर*TURN 

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