छैनी हाइ कार्बन स्टील से बनाई जाती है कार्य के अनुसार छैनियाँ अलग-अलग प्रकार की होती है जैसे कोल्ड चीजल फरमर चींजल मोरटाइज चींजल इत्यादि छैनी का साइज़ ब्लेड की चौड़ाई तथा लम्बाई से लिया जाता है
छैनी के प्रकार
1.फरमर चींजल- इन छैनियों का प्रयोग लकड़ी के कार्यो में किया जाता है जैसे लकड़ी को छीलने या खांचे बनाने में छैनियो tang के पास लोटे की पत्ती लगी होती है इसे ferrule कहते है
2.साल छैनी(मोरटाइज) – इस छैनी का प्रयोग गहरे खांचे या सुराक बनाने में किया जाता है इस प्रकार की छैनी की चौड़ाई कम तथा मोटाई अधिक होती है लकड़ी के कार्यो में प्रयोग करते समय मेल्ट से नही ठोकना चाहिए
3.कोल्ड चींजल – कार्य के अनुसार ये कई प्रकार की होती हैं जैसे चपटी छैनी,अर्धगोल छैनी,क्रोस कट छैनी इत्यादि इन छैनियो का प्रयोग धातुओ पर कार्य करने के लिए किया जाता है कार्य के अनुसार इसका साइज़ बदला जाता है
मार्किंग टूल
किसी भी कार्य या जॉब को सही बनाने के लिए ब्लू प्रिंट के अनुसार मार्किंग के लिए प्रयोग में लाए जाने वाले उपकरणों को मार्किंग टूल कहा जाता है
मार्किंग के उपयोग में कार्य के अनुसार निम्नलिखित उपकरणों का प्रयोग किया जाता है
1.पैमाना(रुल स्केल)- यह लकड़ी,लोहे या प्लास्टिक का बना होता है जिसमे mm,फीट,से.मी.,इंच के निशान लगे होते है ब्लेड की तुलना में स्टाफ की चौड़ाई अधिक होती है विभिन्न प्रकार के कार्यो में 90 डिग्री के कोण पर मोड़ देने के लिए प्रयोग किया जाता है
2.ट्राईस्ववेयर- यह 90 डिग्री के कोण पर बना हुआ एक पैमाना होता है जिसके Blad तथा stock मुख्य दो भाग है ब्लेड पर से.मी.,mm के निशान ल्गेव होते है ब्लेड की तुलना में स्टाफ की चौड़ाई अधिक होती है विभिन्न प्रकार के कार्यो में 90 डिग्री के कोण पर मोड़ देने के लिए प्रयोग किया जाता है
3.डिवाइडर- यह भी एक मार्किंग टूल है जिसकी दो टांगे सीधी एवं नॉक द्वारा होती है यह किसी जॉब को दो बराबर भागो में बाँटने या वृत लगाने के लिए प्रयोग की जाती है ये 50 mm से 200 mm के साइज़ तक मिलते है ये हाइ कार्बन स्टील के बने होते है
4.स्क्राइबर- यह भी एक कटिंग टूल है जो लगभग 200 mm के साइज़ में मिलते है इसका एक सिरा नुकीला तथा दूसरा सिरा तेज धार वाला होता है इसका प्रयोग शीट मैटल के करी में लाइन खीचने के लिए प्रयोग किया जाता है
5.प्लमबॉब- यह लोहे का बना लट्टू होता है जिसका एक सिरा नुकीला तथा दूसरे सिरे पर रस्सी बांधने का प्वांइट होता है इसका प्रयोग केवल विभिन्न वर्टिकल कार्यो में किया जाता है
6.सिप्रट लेवल- इस उपकरण का प्रयोग होरी जेटल सतह की जाँच के लिए किया जाता है जहाँ ट्राईस्ववेयर का प्रयोग नही किया जा सकता है वहां उक्त उपकरण का प्रयोग किया जाता है
छिलने के औजार-
इस प्रकार के उपकरण लकड़ी के कार्यो में प्रयोग किए जाते है इनकी सहायता से लकड़ी के surface को समतल बनाने या फालतू भाग को बारीकी से छिलने के लिए प्रयोग किए जाते है
कार्य के अनुसार प्लैनर कई प्रकार के होते है
टेप
यह एक काटने वाला औजार है इसके द्वारा बेलनाकार होल के आंतरिक भाग पर चूडिया काटी जाती है इसका द्वारा चूड़ी काटने की क्रिया को टेपिंग कहा जाता है यह हाई कार्बन स्टील से बना होता है
टेप के भाग- इसके निम्नलिखित भाग होते है
1.बॉडी- टेप के जिस भाग पर चूडिया कटी होती है उस भाग को बॉडी कहा जाता है
2.शैंक- बॉडी के पीछे काटने वाले भाग से ऊपर के भाग को शैक कहा जाता है
3.टैंग- शैक के पीछे वाले वर्गाकार भाग को टैंग कहा जाता है जिसे टेप handle में फीट करके टेप को घुमाया जाता है
4.फ्लूट्स- टेप की बॉडी पर लम्बाई में जो खांचे बने होते है उन्हें फ्लूट्स कहा जाता है जिनके माध्यम से कटे हुए धातु के भाग बाहर निकलते है या जिनके द्वारा लूब्रीकेंट नीचे तक पहुंचता है
5.कटिंग ऐज-चूडियो के अगले किनारे को कटिंग ऐज कहा जाता है
6.हील- कटिंग एज के पीछे का भाग जो थोडा झुका होता है उसे हील कहते है
टेप रेंच
टेप रेंच एक प्रकार से पकड़ने वाला औजार है जिसमे टेप को फीट करके टेपिंग करते समय हाथ द्वारा आसानी से घुमाया जा सके उसे टेप रेंच कहा जाता है यह स्टील या लोहे का बना होता है
टेप रेंच के प्रकार- टेप रेंच के प्रकार निम्नलिखित है
1.सॉलिड टेप रेंच- सॉलिड टेप रेंच में वर्गाकार साइज़ के सुराख़ बने होते है जो टेप के साइज़ के अनुसार अलग-अलग प्रकार के होते है अलग साइज़ के लिए अलग-अलग टेप रेंच का प्रयोग किया जाता है
2.ऐडजेस्टेबल रेंच- इसमें ऐडजेस्तेबलजबड़ा होता है जिसको एक handle से फिट किया जाता है हैंडल को घुमाकर विभिन्न साइज़ के टेप को पकड़ा जा सकता है
3.टी-हैंडल टेप रेंच- इस टेप रेंच की आकृति अंग्रेजी की T अक्षर की तरह होती है इसमें एक चक लगा होता है जिसके द्वारा टेप को पकड़ा जाता है तंग गहरे स्थानों पर टेपिंग करने के लिए इसका प्रयोग किया जाता है
टेपिंग करते समय स्नेहको का प्रयोग
टेपिंग करते समय विभिन्न प्रकार के स्नेहक प्रयोग किए जाते है जिनकी सहायता से टेप को आगे चलाने में आसानी रहती है तथा चूडिया भी साफ कटती है स्नेहक का प्रयोग करते समय टेप को बॉडी पर बनी चूडिया भी खराब नही होती है
डाई
यह भी एक कटिंग टूल है जिसके द्वारा किसी बॉडी के उपरी भाग जैसे पाइप या लोहे की छड इत्यादि पर चूडिया काटने के लिए डाइ का प्रयोग किया जाता है यह भी हाई कार्बन स्टील की बनी होती है डाई को पकड़ने के लिए डाई स्टॉक का प्रयोग किया जाता है
डाई के प्रकार- डाई कार्य के अनुसार निम्न प्रकार की होती है
1.राउंड स्पिलट डाई- यह गोल आकार की डाई होती है जिसके बीच में एक खांचा कटा होता है खांचे के सामने वाले स्क्रू को कसने से इसके साइज़ में थोडा अंतर आ जाता है तथा अलग तीन स्क्रू या पेच डाई को डाई स्टाफ में कसने के लिए प्रयोग किए जाते है
2.राउंड सॉलिड डाई- यह डाई गोलाई में सॉलिड होती है इसके साइज़ को कम या ज्यादा नही किया जा सकता है इसमें एक तरफ चुडियां चैन्पर की होती है
3.ऐडजेस्टेबल डाई- यह डाई दो भागो में बटी होती है जिनमे चूडिया कटी होती है इन्हें आवश्यता के अनुसार आगे पीछे करके साइज़ को कम ज्यादा किया जा सकता है
4.डाई नट- यह षट्भुज या वर्गाकार नट की आकृति की होती है जिन्हें घुमाने के लिए स्पैनर का प्रयोग किया जाता है मुख्य रूप से इसका प्रयोग खराब हुई चूड़ियाँ सही करने में किया जाता है
5.पाइप डाई- इसका प्रयोग पाइप की बाहरी चूडिया काटने के लिए किया जाता है
6.चेजर डाई- इस प्रकार की डाई का प्रयोग स्वचालित मशीनों में अधिक उत्पादन के लिए किया जाता है इसे सेल्फ ओपनिंग डाई भी कहा जाता है
7.एक्रोन डाई- इसका प्रयोग तंग स्थानों पर चूड़ियाँ निकालने के लिए किया हटा है
8.डाई प्लेट- छोटे साइज़ के स्क्रू इत्यादि पर चुडिया निकालने के लिए इसका प्रयोग किया जाता है