विद्युत् एक प्रकार का उर्जा है जिससे अनेक प्रकार के कार्य किये जा सकते है विद्युत् उर्जा को दूसरी उर्जा में परिवर्तन करके कई प्रकार के कार्य कर सकते है जैसे विधुत हीटर ,प्रेस आदि विधुत उर्जा को उष्मीय उर्जा में बदलते है विद्युत् को खुली आँखों से देखना असम्भव है हम इसके केवल प्रभावों को ही जन सकते है आधुनिक विद्युत् इलेक्ट्रोनो के विस्थापन से अस्तित्व में आई यह उस समय उत्पन होती है जब किसी विधि द्वारा पदार्थ के परमाणु में से इलेक्ट्रोन जोड़ या निकल दिए जाए इस प्रकार इलेक्ट्रोनो का असंतुलन स्थापित हो जाता है परिपथ या सर्किट द्वारा पूरा करने पर इलेक्ट्रोनो के विस्थापन के कारण विद्युत् उर्जा पैदा होती है
विद्युत् का इतिहास
लगभग 2600 वर्ष पहले एक यूनानी विद्वान् थेल्ज ने यह पता लगाया कि एबर को जब चमड़े या रेशमी कपड़े क साथ रगड़ते है तो इसमें कागज के छोटे छोटे टुकडो घास फूस आदि हल्के पदार्थो को अपनी ओर खीचने कि शक्ति आ जाती है यूनानी भाषा में एबर को इलेक्ट्रोन कहते है इसलिए इसी शब्द का प्रयोग करके विद्युत् का नाम इलेक्ट्रिसिटी रखा लगभग 1735इसवी में डुफे ने फ्लूइड थ्योरी कप जन्म दिया इस थिओरी के अनुसार किसी भी पदार्थ में धनात्मक तथा ऋणात्मक दो प्रकार के द्रव माने गए है यदि पदार्थ में धनात्मक द्रव कि मात्रा बढ़ जाए तो यह धनात्मक चार्ज हो जाता है यदि ऋण द्रव की मात्र बढ़ जाए तो ऋणात्मक चार्ज हो जाता है इसके अनुसार करंट धनात्मक से ऋणात्मक हो जाता है लेकिन आधुनिक सिधांत के
आधारभूत रूप से विद्युत् दो प्रकार की होती है
गतिशील विद्युत्
स्थिर विद्युत्
स्थिर विद्युत्
इससे घर्षण विद्युत् भी कहते है इसे एक स्थान से दुसरे स्थान पर नही ले जाया जा सकता और न ही अधिक मात्रा में पैदा किया जा सकता यह केवल चार्ज के रूप होती है जब दो वस्तुओ को आपस में रगडा जाता है तो एक वस्तु पर धनात्मक तथा दूसरी पर ऋणात्मक चार्ज आ जाता है इलेक्ट्रोन सिधांत के अनुसार जब एक कांच कि छड को रेशमी कपड़े के साथ रगडा जाता है तो यांत्रिक उर्जा के साथ स्वतंत्र इलेक्ट्रोन कांच कि छड में रेशमी कपड़े कि ओर विस्थापित कर जाता है रेशमी कपड़ो पर इलेक्ट्रोनो कि संख्या बढने के कारण ऋणात्मक चार्ज बढ़ जाता है और कांच कि छड में इलेक्ट्रोनो कि कमी के कारण धनात्मक चार्ज बढ़ जाता है
गतिशील विद्युत्
गतिशील विद्युत् का अर्थ है कि यह विद्युत् जिसे तारों या केबल द्वारा एक स्थान से दुसरे स्थान पर ले जाया जाता है एसी विद्युत् चालको की गति के कारण पैदा होती है इसलिए इसे गतिशील विद्युत् कहते है गतिशील विद्युत् को पैदा करने की निम्न विधिं है
- चुम्बकीय प्रभाव द्वारा
- गर्मी के प्रभाव द्वारा
- रासायनिक प्रभाव द्वारा
- प्रकाश के प्रभाव द्वारा
बिजली के उपकरणों से काम करते समय कौन कौन सी सावधानियो का ध्यान रखना चाहिए
1.विद्युत् को नंगी आँखों से देखना असम्भव हैं इसलिए विद्युत् का कार्य करते समय बिना सोचे समझे तारो को नही छूना चाहिये
2.विद्युत का काम करने वाले औजार अच्छी तरह से कुचालक insulated होने चाहिए
3.गर्म तार को सदा स्विच द्वारा ही कंट्रोल करो
4.फ्यूज को बदलते समय men स्विच को बंद रखना चाहिये और फ्यूज को भी हमेशा गर्म तार के सीरिज में लगाना चाहिए
5.प्लस को कभी हथोड़े की तरह इस्तेमाल ना करे तथा उसके द्वारा किसी गर्म वस्तु को ना पकडे
6.तीखे औजारों का प्रयोग सम्भाल के करना चाहिए
7.Portable उपकरणों जैसे विद्युत् प्रेस ,मिक्सी ,ड्रील आदि के प्रयोग के लिए तीन केबल वाली तारो का प्रयोग करना चाहिए
8.पूरी घरेलू वायरिंग तथा औधोगिक क्षेत्र की वायरिंग अच्छी तरह से अर्थीग होनी चाहिए तथा तेन Fash वाली उपकरण की दोहरी अर्थींग करनी चाहिए
9.विद्युत् का कार्य करते समय तारो को कभी भी मुह से नही छीलना चाहिए
10.वायरिंग करते समय लाइट तथा पॉवर के लिए अलग अलग मेन स्विच होने चाहिए
11.पोल पर कार्य करते समय सहायक को साथ को रखना चाहिए औजारों को लाइन पे नही रखना चाहिए तथा पोल पर कार्य करने से पहले तारो को लोहे की तार या जंजीर द्वारा आपस में जोड़ देना चाहिए
12.फर्श पर सीडी का इस्तेमाल करते समय उसके नीचे रबड़ या कोई कपड़ा लगाना चाहिये तथा सहायक का प्रयोग करना चाहिये
13.विद्युत् का कार्य करते समय उपकरणों का प्रयोग कार्य की प्रकृति के अनुसार करना चाहिए
14.वर्कशॉप में कार्य करते समय खुले कपडे नंगे पांव हाथो में कड़ा या जंजीर इत्यादि नही पहनना चाहिए
15.जब दूर स्थानों पर कार्य करना हो तो लाइन पर नोटिस बोर्ड अवश्य लगवाये
16.विद्युत् उपकरणों या तारो में लगी आग को बुझाने के लिए पानी या गीली मिट्टी का प्रयोग न करे विद्युत् से लगी आग में हमेशा कार्बन टेट्रा क्लोराइड (CTC) या सुखी मिट्टी का प्रयोग करे
17.वर्कशॉप खुली और हवादार होनी चाहिये जहाँ पर कार्य करते है वहां चिकनाई या ग्रीस न लगा होना चाहिए
18.इलेक्ट्रोलाइट तैयार करते समय तैजाब को बूंद बूंद करते पानी में डालना चाहिए बल्कि विपरीत नही
19.बैटरी चार्चजिंग रूम खुला व हवादार होना चाहिए
20.पोल के साथ लगी स्टेवायर में हमेशा Egg-Insulator का प्रयोग करना चाहिए
21.स्टेवायर या सर्विस वायर पर कभी भी कपड़े इत्यादि नही सुखाने चाहिए
22.इलेक्ट्रिकल उपकरणों में आग लगने पर मेन स्विच को बंद करना चाहिए
23.ट्रांसफार्मर पर कार्य करने से पहले आइसोलेटर स्विच के कोटेकट प्वाइंट अच्छी तरह से अलग होनी चाहिए
Conclusion आशा है कि इस आर्टिकल में आपने विद्युत् बारे में अधिक से अधिक जानकारी सीखने को मिली होगी. आगे भी हम इसी प्रकार की जानकारी आप तक पहुंचाते रहेंगे इसलिए अपने ज्ञान को बढ़ाते रहिए और इस वेबसाइट पर बार-बार विजिट करते रहिए अगर आप कोई सुझाव देना चाहते हैं या चाहते हैं कि किसी विशेष विषय पर आर्टिकल पब्लिश करें तो आप हमें कमेंट सेक्शन में बताएं.